दुनियाभर में कोरोनावायरस के संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत और पाकिस्तान समेत सार्क के 8 देशों में अब तक 178 मामलों की पुष्टि हुई है। भारत में सबसे ज्यादा 109 मामले सामने आए। पाकिस्तान में भी 34 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर रविवार को 7 देशों के राष्ट्र प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए। लेकिन इसमें भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बेरुखी साफ नजर आई। वे चर्चा में शामिल नहीं हुए और अपने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. जफर मिर्जा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भेज दिया। इसमें पाकिस्तान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भी कोरोना के संक्रमित मिले हैं। वहां सभी प्रतिबंध तत्काल हटाए जाने चाहिए।
भारत ने मिर्जा के बयान पर आपत्ति जताई और कहा- पाकिस्तान ने अपने स्वास्थ्य मंत्री को कॉन्फ्रेंसिंग में भेजा, जो कि बोलने तक में असहज थे। क्या बोलना है, इसके लिए उन्हें एक चिट्ठी दी गई थी। यह उनकी गिरी हुई सोच है। पाकिस्तान ने एक मानवीय मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश की। इमरान खान को छोड़कर सभी राष्ट्र प्रमुख चर्चा में शामिल हुए। यहां तक कि नेपाल के पीएम ओली तो ऑपरेशन के बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने पर आए थे।
घबराना नहीं और तैयार रहना भारत का मूलमंत्र: मोदी
मोदी ने कहा- डब्ल्यूएचओ ने कोरोना को महामारी घोषित किया है। लेकिन घबराना नहीं और हमेशा तैयार रहना संक्रमण से लड़ने के लिए भारत का मूलमंत्र रहा है। उन्होंने कोरोना संकट से निपटने के लिए सार्क देशों के सामने 10 मिलियन डॉलर (74 करोड़ रुपए) का इमरजेंसी फंड बनाने का प्रस्ताव रखा। इसमें सार्क देश अपनी इच्छा से अनुदान दे सकते हैं। साथ ही मोदी ने बताया कि हमने आपदा पीड़ितों की निगरानी के लिए एक पोर्टल तैयार किया है। इसे सार्क के सभी सदस्य देशों के साथ साझा किया जाएगा। विकासशील देशों के सामने हेल्थकेयर सुविधाओं को लेकर बड़ी चुनौती है। हमें कोरोना से लड़ाई में मिलकर काम करना चाहिए। भारत ने ट्रैवल रिस्ट्रक्शन लगाए, लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया, मेडिकल स्टॉफ को ट्रेनिंग दी। इसके साथ-साथ विदेशों में फंसे अपने 1400 से ज्यादा नागरिकों को निकाला।
सार्क देशों ने मोदी को शुक्रिया कहा, अपनी तैयारियां बताईं
- अफगानिस्तान: राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा- भारत सार्क और शंघाई सहयोग का महत्वपूर्ण सदस्य है। हमें कोरोनावायरस से मुकाबला करने के लिए टेली-मेडिसिन का एक सामान्य ढांचा तैयार करना चाहिए। सीमाओं के बंद होने से भोजन, दवाओं और बुनियादी वस्तुओं की उपलब्धता की महत्वपूर्ण समस्या हो जाएगी।
- श्रीलंका: राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने कहा- सबसे पहले अपने अनुभवों, विचारों को साझा करने, चुनौतियों को समझने और इससे लड़ने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करने के लिए मोदी को धन्यवाद देना चाहिए। कोरोना की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था को झटका लगा है। विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र, जो पिछले साल के आतंकी हमले के बाद ठीक हो रहा था।
- मालदीव: राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने कहा- भारत से सहायता प्राप्त करने के लिए मालदीव भाग्यशाली है। मैं सरकार की ओर से मोदी और भारत के लोगों की सराहना करता हूं।
- नेपाल: प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा- मैं पीएम मोदी को इस महत्वपूर्ण और समयबद्ध पहल के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। हमारे सामूहिक ज्ञान और प्रयास से हमें कोरोनावायरस से लड़ने के साथ ही सार्क देशों के लिए मजबूत और ठोस रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी।
- बांग्लादेश: प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा- मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने यह पहल की। मैं भारतीय छात्रों के साथ वुहान (चीन) से हमारे 23 छात्रों को लाने और उनके इलाज के लिए शुक्रिया।
- पाकिस्तान: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री इमरान खान शामिल नहीं हुए। उनके स्वास्थ्य डॉ. जफर मिर्जा ने कोरोना संकट पर चर्चा में हिस्सा लिया। वे इमरान के स्पेशल एडवाइजर भी हैं। मिर्जा ने कहा कि सार्क के सभी सदस्य देशों में संक्रमण फैला हुआ है। हम दक्षिण एशिया के सभी पीड़ितों के लिए समान रूप से चिंतित हैं। जम्मू-कश्मीर में भी कोरोना के मामले सामने आए हैं। वहां हेल्थ इमरजेंसी को देखते हुए सभी तरह के प्रतिबंधों को हटाया जाना चाहिए।
- भूटान: प्रधानमंत्री लोते शेरिंग ने कहा- हम सभी को एक साथ लाने के लिए मोदी को धन्यवाद। एकजुटता हर समय जरूरी है। जब दुनिया इस महामारी से लड़ रही है, तो ऐसे समय में हमारे आपसी मतभेदों को पीछे छोड़ देना चाहिए।