सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने शिक्षण सत्र 2019-20 से प्रैक्टिकल परीक्षा की प्रक्रिया में बदलाव किया है। इसके तहत प्रैक्टिकल की मॉनीटरिंग के लिए बोर्ड ने इस बार सख्ती दिखाई है। इस बार मॉनीटरिंग के लिए जियो टैग का सहारा लिया जाएगा।
परीक्षा के दौरान 3 बार बोर्ड के पास लैब के फोटो भेजेने होंगे। इसमें छात्रों, परीक्षकों और ऑब्जर्वर उपस्थित दिखनी चाहिए। परीक्षा समाप्त होते ही इसके अंक भी बोर्ड को भेजना अनिवार्य है। नए बदलावों में स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि जिस सेंटर पर प्रैक्टिकल परीक्षा होगी, उसमें परीक्षक के पहुंचते ही जियो टैग के साथ फोटो बोर्ड को भेजी जानी है।
जियो टैग से यह स्पष्ट हो जाएगा कि सेंटर की सही लोकेशन कहां है। जब प्रैक्टिकल शुरू होगा, उसके बाद इसी प्रक्रिया को दोहराना होगा। प्रैक्टिकल से संबंधित सभी प्रक्रियाएं एक ही दिन में पूरी करनी है। परीक्षा समाप्त होने के अगले दिन के लिए कोई बिंदु नहीं छोड़ा जाएगा। बता दें कि इस बार सीबीएसई की बोर्ड एक्जाम से संबंधित प्रैक्टिकल परीक्षाएं फरवरी के पहले सप्ताह तक आयोजित की जाएंगी।
टेली काउंसिलिंग 1 से : सीबीएसई 1 फरवरी से टेली काउंसिलिंग शुरू कर रहा है। स्टूडेंट्स सुबह 8 से रात 10 बजे तक काॅल कर सकेंगे। बोर्ड द्वारा काउंसिलिंग साल में दो फेस में होती है। पहले फेस की काउंसिलिंग बोर्ड परीक्षा से पहले होती है जो फरवरी से अप्रैल के बीच में होती है। वहीं दूसरे फेस की काउंसिलिंग बोर्ड परीक्षा के बाद होती है जो मई और जून के बीच में आयोजित की जाती है।
परीक्षार्थियों के सामने खोले जाएंगे प्रश्न पत्र के बंडल
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। इसके तहत अब परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों के सामने ही प्रश्नपत्र के बंडल खोले जाएंगे। इसकी जानकारी सभी परीक्षा केंद्रों को दे दी गई है। बोर्ड की मानें तो बैंक से प्रश्नपत्र लेने खुद ही केंद्राधीक्षक जाएंगे। प्रश्न पत्र केंद्र तक पहुंचने और परीक्षार्थियों के सामने खोलने के दौरान उसकी मोबाइल से ट्रैकिंग होगी। केंद्राधीक्षक के मोबाइल से प्रश्न पत्र कहां तक पहुंचा, इसकी ट्रैकिंग सीबीएसई द्वारा की जाएगी।इसको शुरू करने का उद्देश्य सीबीएसई का बोर्ड परीक्षा में पारदर्शिता लाना है।